नाव | साहित्यप्रकार | प्रकाशन | प्रकाशन वर्ष (इ.स.) |
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अभोगी | कादंबरी | मेहता पब्लिशिंग हाऊस | १९८७ |
आषाढ | कथासंग्रह | मेहता पब्लिशिंग हाऊस | |
आलेख | कथासंग्रह | मेहता पब्लिशिंग हाऊस | |
कमोदिनी | कथासंग्रह | मेहता पब्लिशिंग हाऊस | |
कांचनमृग | नाटक | मेहता पब्लिशिंग हाऊस | २००० |
कातळ | कथासंग्रह | मेहता पब्लिशिंग हाऊस | १९६५ |
वैशाख | कथासंग्रह | मेहता पब्लिशिंग हाऊस | |
गंधाली | कथासंग्रह | मेहता पब्लिशिंग हाऊस | १९७१ |
गरुडझेप | नाटक | मेहता पब्लिशिंग हाऊस | १९७४ |
कणव | कथासंग्रह | देशमुख आणि कंपनी | |
जाण | कथासंग्रह | देशमुख आणि कंपनी | |
तुझी वाट वेगळी | नाटक | मेहता पब्लिशिंग हाऊस | २००१ |
धन अपुरे | नाटक | मेहता पब्लिशिंग हाऊस | १९८४ |
पंख जाहले वैरी | नाटक | मेहता पब्लिशिंग हाऊस | २००० |
पांगुळगाडा | नाटक | मेहता पब्लिशिंग हाऊस | २००१ |
पावनखिंड | कादंबरी | मेहता पब्लिशिंग हाऊस | १९८१ |
प्रतीक्षा | कादंबरी | मेहता पब्लिशिंग हाऊस | |
प्रपात | कथासंग्रह | मेहता पब्लिशिंग हाऊस | |
बाबुल मोरा | कथासंग्रह | मेहता पब्लिशिंग हाऊस | |
बारी | कादंबरी | मेहता पब्लिशिंग हाऊस | १९५८ |
मधुमती | कथासंग्रह | मेहता पब्लिशिंग हाऊस | १९८२ |
माझा गांव | कादंबरी | मेहता पब्लिशिंग हाऊस | १९६० |
मेखमोगरी | कथासंग्रह | मेहता पब्लिशिंग हाऊस | |
मेघ | कथासंग्रह | मेहता पब्लिशिंग हाऊस | |
मोरपंखी सावल्या | कथासंग्रह | मेहता पब्लिशिंग हाऊस | १९८४ |
राजा रविवर्मा | कादंबरी | मेहता पब्लिशिंग हाऊस | १९८४ |
राधेय | कादंबरी | मेहता पब्लिशिंग हाऊस | १९७३ |
रामशास्त्री | नाटक | मेहता पब्लिशिंग हाऊस | १९८३ |
रूपमहाल | कथासंग्रह | मेहता पब्लिशिंग हाऊस | १९५८ |
लोकनायक | नाटक | मेहता पब्लिशिंग हाऊस | १९८३ |
वारसा | नाटक | मेहता पब्लिशिंग हाऊस | |
वैशाख | कथासंग्रह | मेहता पब्लिशिंग हाऊस | |
लक्ष्यवेध | कादंबरी | मेहता पब्लिशिंग हाऊस | १९८४ |
शेकरा | कादंबरी | मेहता पब्लिशिंग हाऊस | १९९८ |
श्रीमान योगी | कादंबरी | मेहता पब्लिशिंग हाऊस | १९६८ |
संकेत | कथासंग्रह | मेहता पब्लिशिंग हाऊस | |
संचित | ललित,भाषणसंग्रह | मेहता पब्लिशिंग हाऊस | २००१ |
समिधा | कादंबरी | मेहता पब्लिशिंग हाऊस | १९७९ |
सावली उन्हाची | नाटक | मेहता पब्लिशिंग हाऊस | २००१ |
स्नेहधारा | ललित | मेहता पब्लिशिंग हाऊस | १९९७ |
संगीतसम्राट तानसेन | नाटक | मेहता पब्लिशिंग हाऊस | १९७५ |
स्वामी | कादंबरी | मेहता पब्लिशिंग हाऊस | १९६० |
स्वामी | नाटक | मेहता पब्लिशिंग हाऊस | १९७५ |
हे बंध रेशमाचे | नाटक | मेहता पब्लिशिंग हाऊस | १९७२ |
डाॅ. रत्नाप्पा भरमाप्पा कुंभार हे भारतीय स्वातंत्र्य चळवळीत अग्रेसर असलेले इचलकरंजीतील स्वातंत्र्यसैनिक होते. स्वातंत्र्यानंतर डेक्कन स्टेटमधील २१ संस्थाने त्यांच्या नेतृत्वाखाली झालेल्या चळवळीमुळेच भारतीय संघराज्यात विलीन झाली.
Read Moreशिवा काशीद हे शिवाजी राज्यांच्या सैन्यात न्हावी होते. त्यांनी शिवाजी महाराजांवर आणि पर्यायाने मराठी राज्यावर आलेल्या संकटाचे निवारण करतेवेळी आपल्या प्राणाचे बलिदान दिले, म्हणून शिवाजीराजे सिद्दी जोहरने पन्हाळगडाला दिलेल्या वेढ्यातून सुखरूप निघाले व विशाळगडावर पोहचले.
Read Moreछत्रपति शाहू महाराज भोसले (जून २६, इ.स. १८७४ – मे ६, इ.स. १९२२), छत्रपती शाहू महाराज, राजर्षी शाहू महाराज, कोल्हापूरचे शाहू व चौथे शाहू नावांनी[१] प्रसिद्ध, हे मराठ्यांच्या भोसले घराण्यातील कोल्हापूर संस्थानाचे राजे (राज्यकाळ १८९४ – १९००) आणि पहिले छत्रपती (१९००-१९२२) होते.
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